पिता का स्नेह (pita ka sneh )
जो हर सुख -दुख में हमारे साथ खडा,
* * * * * *
![]() |
पिता का स्नेह (pita ka sneh ) |
हाथ पकड़ कर रखे हमारा हरदम,
कभी होने ना दे हमारी आँखें नम,
पिता है प्यार की एक सरगम,
उसके अनमोल प्यार का,
उसकी आँखों में बसे दुलार का,
सानी कोई नहीं है,
पिता है एक मसीहा ईश्वर का,
वो है उम्मीद का एक दीया,
उससे बड़ा ज्ञानी कोई नहीं है,
जो खुद की ना करें कभी परवाह,
पिता हर मुश्किल में पकड़ कर रखे हमारी बांह,
जो पूरा करें मेरे अधूरे सपनों को,
जो पीछे ना हटे कभी,
चाहे हालात कैसे भी हों,
पिता मेरे जीवन में ऐसे हैं,
जैसे अंगूठी में कोई हीरा हो जड़ा,
ऊंचे बोल बोलकर ना डराना,
बात-बात पर उसको नीचा ना दिखाना,
पिता का कद है सबसे बड़ा,
* * * * *
जो मेरी हर इच्छा पूरी करे,
अपना सबकुछ हार कर,
चाहे तन पर कपड़े जैसे भी हों,
मेरा हर सपना पूरा करे,
अपने सपनों को मारकर,
बाती बिन दीया है जैसे,
नाव बिन पतवार,
अपनी खुशियां पिता मुझ पर लुटाए सौ-बार,
हमारे घर का पिता अभिमान,
मुझे उनसे मिला है जीवनदान,
आसमान में जितने तारे हैं,
वो सब के सब हमारे हैं,
जब तक पिता साथ है,
वो हमारी तरफ हर घड़ी अपना हाथ बढ़ाए,
हमारी राहों के सारे कांटे हटाए,
जब तक पिता साथ है,
उसके प्यार की गर्माहट ऐसे लगती है,
जैसे मिल गया हो कोई खजाना ज़मीन में गढा,
ऊंचे बोल बोलकर ना डराना,
बात-बात पर उसको नीचा ना दिखाना,
पिता का कद है सबसे बड़ा ,
जो हर सुख -दुख में हमारे साथ खडा,
* * * * * *
पिता है सागर का पानी,
जो जीवन भर प्यास बुझाए,
चूमकर वो माथा मेरा,
जीवन भर लाढ लढाए,
पिता की कमी कोई पूरा ना कर सके,
चाहे कितना ही प्यार लूटाए,
पिता का स्थान है आसमान से भी ऊंचा,
आसमान भी उसके आगे सर झूकाए,
पिता का प्यार बारिश की पानी,
जो हर पल हमको शीतल करे,
वो मेरा मार्गदर्शन करें,
मुझे सही -गलत का ज्ञान कराए,
मेरी नज़रों में है वो ईश्वर के जैसा,
जो मुझको हर घड़ी बुरी नजरों से बचाए,
मैं भी खड़ा रहूँगा सदा साथ उसके,
जो मेरे लिए हर पल इस ज़माने से है लड़ा,
ऊंचे बोल बोलकर ना डराना,
बात-बात पर उसको नीचा ना दिखाना,
पिता का कद है सबसे बड़ा ,
जो हर सुख -दुख में हमारे साथ खडा,
जो मेरी हर इच्छा पूरी करे,
अपना सबकुछ हार कर,
चाहे तन पर कपड़े जैसे भी हों,
मेरा हर सपना पूरा करे,
अपने सपनों को मारकर,
बाती बिन दीया है जैसे,
नाव बिन पतवार,
अपनी खुशियां पिता मुझ पर लुटाए सौ-बार,
हमारे घर का पिता अभिमान,
मुझे उनसे मिला है जीवनदान,
आसमान में जितने तारे हैं,
वो सब के सब हमारे हैं,
जब तक पिता साथ है,
वो हमारी तरफ हर घड़ी अपना हाथ बढ़ाए,
हमारी राहों के सारे कांटे हटाए,
जब तक पिता साथ है,
उसके प्यार की गर्माहट ऐसे लगती है,
जैसे मिल गया हो कोई खजाना ज़मीन में गढा,
ऊंचे बोल बोलकर ना डराना,
बात-बात पर उसको नीचा ना दिखाना,
पिता का कद है सबसे बड़ा ,
जो हर सुख -दुख में हमारे साथ खडा,
* * * * * *
पिता है सागर का पानी,
जो जीवन भर प्यास बुझाए,
चूमकर वो माथा मेरा,
जीवन भर लाढ लढाए,
पिता की कमी कोई पूरा ना कर सके,
चाहे कितना ही प्यार लूटाए,
पिता का स्थान है आसमान से भी ऊंचा,
आसमान भी उसके आगे सर झूकाए,
पिता का प्यार बारिश की पानी,
जो हर पल हमको शीतल करे,
वो मेरा मार्गदर्शन करें,
मुझे सही -गलत का ज्ञान कराए,
मेरी नज़रों में है वो ईश्वर के जैसा,
जो मुझको हर घड़ी बुरी नजरों से बचाए,
मैं भी खड़ा रहूँगा सदा साथ उसके,
जो मेरे लिए हर पल इस ज़माने से है लड़ा,
ऊंचे बोल बोलकर ना डराना,
बात-बात पर उसको नीचा ना दिखाना,
पिता का कद है सबसे बड़ा ,
जो हर सुख -दुख में हमारे साथ खडा,
* * * * * *
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home